Thursday 1 November 2012

बेलसंड चेयरमैन के घर खूब बंटे पान-मखाने

बेलसंड। आश्विन पूर्णिमा पर सोमवार को सारी रात नव विवाहितों के यहां पान-मखान बंटते रहे। ग्रामीण इलाकों में तो कई जगह मंगलवार को भोर की उजास तक यह क्रम जारी था। नवविवाहितों के यहां शाम ढलते ही कोजागरा पर होने वाली पारंपरिक विधि शुरू हो गई। आंगन में दिए अरिपन पर वर की ससुराल से आया चुमावन का डाला रखा गया। उस पर पान-सुपारी, इलायची, लौंग, जनेऊ आदि को कलात्मक ढंग से सजा कर करीने से रखा गया था। किसी ने लौंग व जनेऊ को पेड़ की शक्ल देकर डाला को सजाया तो किसी ने कटोरियों व अन्य पात्रों में उसे रखा था। मिठाइयां व फल भी थे। फिर वर को कन्या के भाई के साथ बैठाकर चुमावन किया गया। इस अवसर पर पिता-चाचा और अन्य बड़े बुजुर्गों ने दूर्वाक्षत मंत्र के साथ दीर्घायु होने के आशीष दिए। भगवती लक्ष्मी को घर में ले जाने की रस्म हुई और शुरू हो गया पान-मखान-बताशा का वितरण।
चेयरमैन के घर कोजगरा की धूम
इसी वर्ष हुए नगर पंचायत चेयरमैन के पुत्र प्रदीप झा की शादी हुई है। इस कारण नई दिल्ली में बसे उनके ससुरालजनों के तरफ से पान मखाने और तमाम तरह के सामान आए थे। इस अवसर पर नगर पंचायत चेयरमैन के घर कोजगरा मनाया गया। नगर पंचायत के तमाम दिग्गज इस अवसर पर पहुंचे और वर को आशीष दिए।  इस अवसर पर नगर पंचायत के सभी पार्षदों ने पान-मखाने का स्वाद लिया और वर के दिर्घायु जीवन जीने का शुभाआशिर्वाद दिया। ब्राम्ह्ण परिवार के प्रत्येक घर के लोगों ने इस भोज का आनंद लिया।
इस प्रकार पूरे क्षेत्र में कोजगरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। कई परिवारों में इसे लेकर व्यापक तैयारी की गई थी और पूरे गांव को भोज दिया गया। कुछ लोगों ने मान्यता के अनुरूप रात्रि-जागरण भी किया कि धन की देवी लक्ष्मी की कृपा उन पर हो। उल्लेखनीय है कि कोजागरा को लेकर कई दिनों से चल रही तैयारी के बाद सोमवार को इसके आयोजन पर उन परिवारों में उत्साह का वातावरण देखा गया जिन परिवारों के युवकों का विवाह गत एक वर्ष के भीतर हुआ है। पहले आयोजन को लेकर उनके ससुराल में भी पूरी तैयारी की गई थी। शहर में रहने वाले कई परिवार परंपरागत रूप से यह आयोजन मनाने के लिए अपने पैतृक गांव चले गए। कई परिवारों ने अगले दिन भोज का आयोजन किया है तो कई परिवारों में सोमवार की शाम भोज का आयोजन किया गया।
सूने हो गए कार्यालय
कोजागरा को लेकर अधिकतर कार्यालय समय से पहले ही सूने हो गए। किसी ने छुंट्टी ले ली थी तो कोई दोपहर के लंच के बाद कार्यालय से विदा हो गया।

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