Tuesday 28 August 2012

सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग

सीतामढ़ी। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी ने सीतामढ़ी में कालेज की एक छात्रा के आत्महत्या मामले में पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए आज पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार पर विभागीय कार्रवाई की मांग की।  सिद्दिकी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कालेज छात्रा कंचनबाला की बार बार शिकायत पर भी पुलिस ने आरोपी दबंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पुलिस अधीक्षक से तीन बार शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपियों से सुलह सफाई करने का लगातार दबाव पीडि़ता पर डाला। इससे तंग आकर युवती ने आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में छात्रा ने पुलिस अधीक्षक का उल्लेख किया है और कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस संबंध में पुलिस का उदासीनतापूर्ण रवैया लेकर पुलिस अधीक्षक पर घटना की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और उन पर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस अधीक्षक का तबादला होना चाहिए। मृतक का सुसाइड नोट सार्वजनिक नहीं किया जा रहा और पुलिस बडे हेर फेर की तैयारी कर रही।  राजद नेता ने कहा कि हरियाणा के चर्चित गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में जब सुसाइड नोट को लेकर पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को गिरफ्तार किया जा सकता है तो सीतामढ़ी की छात्रा के पत्र पर पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने कहा कि राजद के शिष्टमंडल ने सीतामढी के डुमरा जाकर मामले का जायजा लिया है। इसमें पुलिस द्वारा अपराधियों का साथ देने की बात सामने आई है, जबकि मृतक छात्रा का पिता बिहार सैन्य पुलिस :बीएमपी: का हवलदार है। पार्टी की जांच में पता चला है कि पुलिस ने छात्रा पर दबाव डाला कि वह आरोपी से विवाह कर ले।  राजद नेता ने आरोप लगाया कि इस मामले में छात्रा के परिवार ने पुलिस महानिदेशक अभयानंद से भी शिकायत की, लेकिन युवती की जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस अधीक्षक चाहते तो कार्रवाई होती।  सिद्दिकी ने कहा कि इस घटना और राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के विरोध में राजद एक सितंबर को पटना में धरना प्रदर्शन करेगा और राज्यपाल देवानंद कुंवर को ज्ञापन देगा।  उल्लेखनीय है कि सीतामढी में डुमरा थाना अंतर्गत वार्ड संख्या चार निवासी कंचनबाला ने बीते 23 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पिता उदयकांत झा बिहार सैन्य पुलिस में हवलदार हैं। अपने सुसाइड नोट में मृतका ने दबंगों द्वारा छेड़खानी और शिकायत करने के बावजूद पुलिस पर आरोपियों का साथ देने का आरोप लगाया था।

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