Thursday 4 April 2013

हाइटेक बेलसंड नगर पंचायत


बेलसंड। बेलसंड नगर पंचायत के दिन फिरने लगे हैं। विगत एक साल में नगर पंचायत की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। पूरे नगर में सिमेंटिड सड़कों का जाल बिछ चुका है। गलियों की सड़कें नगर की मुख्य सड़कों से जुड़ गई है। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए बेहतर व्यवस्था हो चुकी है। एक तरफ जहां तत्काल पूरे नगर पंचायत में चापाकल गाड़े गए हैं,वहीं दूसरी तरफ पेयजल आपूर्ति को और बेहतर बनाने के लिए नगर पंचायत चेयरमैन ने काफी दिनों से सिर्फ शहरी लोगों को मुंह चिढ़ा रहे पानी टंकी से पानी आपूर्ति के लिए कई कदम उठाएं जा चुके हैं। सफाई व्यवस्था भी बेहतर हो गई है। यात्रियों के लिए हाइटेक बस स्टैंड बनाने पर भी काम चल रहा है।

सफाई व्यवस्था हो गई बेहतर
नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था को देखकर आजकल अधिकारी से लेकर जनता तक चेयरमैन नागेंद्र झा को बधाई दे रहे हंै। लोगों को नगर सफाई-व्यवस्था अच्छी लग रही है। वहां का सफाई सिस्टम कुछ हद तक अपने शहर के सिस्टम जैसा ही है पर उससे काफी अलग है और काम की क्वालिटी तो बहुत बेहतर है। कुछ दिनों पहले पटना से आई एक टीम को सफाई का यह सिस्टम अच्छा लगा है। नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कुछ दिनों पहले हाइटेक कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा नगर पंचायत में  उपयोग की जाने वाली गाडिय़ों से बेहतर है।

नगर में हाईटेक बस स्टैंड को मिली हरी झंडी
बेलसंड नगर पंचायत के लोगों व यहां सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करने वाले मुसाफिरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस बस स्टैंड उपल्बध होगी जिसके लिए नगर पंचायत की बैठक में निर्णय हो चुका है। नगर में नई सरकार के गठन के बाद से लोगों में एक उम्मीद की किरण दिखने लगी है, नए बस स्टैंड के लिए खुद बेलसंड चेयरमैन ने कमान संभाल रखी है। कुछ दिनों पहले इसके लिए जमीन देखने का काम शुरू हो गया था। बस स्टैंड बनाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। अब इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। बस स्टैंड बनने से शहर में लोगों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलनी शुरू हो जायेंगी। यहां यह गौरतलब है कि बेलसंड में बस स्टैंड की सुविधा न होने के कारण अब तक जहां कदम चौक, मनहा चौक, रजिस्ट्री चौक, कोठी चौक मार्गों पर ही सवारियां खड़ी होकर बसों के आने.जाने का इंतजार करती थी जिसमें मार्गों पर अव्यवस्था का आलम भी रहता था।  नगर पंचायत के रेवेन्यू में होगी बढ़ोत्तरी नगर पंचायत में बस स्टैंड बनना नगर पंचायत प्रशासन के लिए फायदे का सौदा होगा। बसों के स्टैंड में खड़े होने से एक जगह रेवेन्यू वसूली में मदद मिलेगीएक्योंकि बस स्टैंड में बसों का आना अनिवार्य होगा। इससे दो तरह के टैक्सों का फायदा होगा। एक बैरियर के माध्यम से नगर प्रवेश शुल्क और दूसरी तरफ बस स्टैंड में बसेां के खड़े करने से होगा फायदा। मार्केट का भी है विकल्प नगर प्रशासन अगर चाहे तो इस बस स्टैंड को मार्केट से जोड़कर देखें तो इसके और फायदे हैं। नगर प्रशासन गोलाकार बस स्टैंड का निर्माण कराके इसके चारों तरफ मार्केट का निर्माण करें तो मार्केट से भी आय होगी और नगर पंचायत मालामाल हो जाएगा। जाम की समस्या से मिलेगी निजात शहर में एक अदद बस स्टैंड की तलाश में बस ऑनर भी है क्योंकि बस स्टैंड के अभाव में वे अपने बसों को सड़कों के किनारे पार्क कर देते हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रजिस्ट्री चौक, महावीर स्थान, कोठी चौक के पास बसें शाम को जमघट के रूप में खड़े हो जाते हैं। यह सुरक्षा के दृष्टि से भी ठीक नहीं है। थाना होने के बाद भी वाहनों को जहां-तहां और बेतरतीब खड़े रखने में किसी को खौफ  नहीं है। वहां न तो बसों को व्यवस्थित खड़ा किया जाता है और न ही दोपहिया व ऑटो चालक अपने वाहन ठीक से खड़े करते हैं। इस अव्यवस्था से यात्रियों को निकलने में भारी फजीहत का सामना करना पड़ता है। शहर में बस स्टैंड बन जाने से यात्रियों एवं वाहन मालिकों को इससे छुटकारा मिल जाएगा। ऑटो चालकों की कटेगी चांदी डुमरिया में बस स्टैंड बनने से ऑटो चालकों की चांदी कटेगी। सवारियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ऑटों ही सवोत्तम विकल्प रहेगा। इससे शहर में ऑटों बढ़ेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कुछ भी कहिए जनता-प्रशासन दोनों के लिए यह बस स्टैंड एक अच्छा सौगात लेकर आने वाला है। क्या कहते हैं चेयरमैन बेलसंड के लोगों को आजादी के बाद से ही एक बस स्टैंड के तलाश थी जिसको लेकर नगर पंचायत प्रशासन गंभीर है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बेलसंड में बस स्टैंड होगा। इससे कई फायदे होंगे लोगों को बसों के लिए अलग-अलग जगहों पर भटकना नहीं पड़ेगा। एक जगह खड़ेे होकर वह बस में चढ़ सकते हैं। बस चालक भी मनमानी नहीं कर पाएंगे।
ध्वस्त हो रही पानी टंकी को चालू करने की कवायद
बेलसंड। अनुमंडल कार्यालय नजदीक स्थापित विशालकाय पानी टंकी ध्वस्त होने के कगार पर है। पीएचईडी की लापरवाही के कारण करीब एक दशक से निर्मित पानी टंकी से आज एक बूंद पानी नहीं टपक रहा। लाखों रुपये की लागत से इस टंकी का निर्माण कराया गया थाए जो आज कई वर्षों से लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है। एक समय पूरे शहर में इस पानी टंकी से पानी सप्लाई की जाती थी, लेकिन अब इस पानी टंकी से पानी सप्लाई नहीं होती है। राज्य में नई सरकार बनने के बाद भी इस पानी टंकी से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई। इसके पीछे स्थानीय प्रशासन भी कम जिम्मेवार नहीं है। लेकिन बेलसंड नगर पंचायत में नई सरकार के गठन के बाद से नगर अध्यक्ष ने इस पानी टंकी को ठीक करा कर शहर में पेयजल आपूर्ति कराने का प्रयास शुरू कर दिया था। इ स बाबत नगर पंचायत अध्यक्ष नागेंद्र झा ने कहा कि हमारी सरकार की एक राय पानी टंकी को लेकर है। इसकी कवायद शुरू हो गई है। शहरी विकास मंत्री ने पानी टंकी को फिर से चालू करने की हरी झंडी दे दी है। इस पर कार्य चालू है। स्थानीय प्रशासन से भी भरपूर मदद मिल रहा है। अगर इस टंकी को चालू कर दिया जाताए तो शहर की आधी आबादी को पानी की समस्या से मुक्ति मिल जाती।

मलीन बस्ती योजना के तहत बनेंगे १४८७ मकान
बेलसंड के लोगों के लिए वह रूत आ ही गई। आखिरकार जवाहरलाल शहरी मलीन बस्ती योजना के तहत बनने वाले मकान का टेंडर बिडको कंपनी ने निकाल ही दिया। इस योजना के तहत बेलसंड नगर पंचायत में 1487 मकान बनाने की योजना है। इन मकानों का क्षेत्रफल 300 से 320 स्कावयर फूट होगा।  इस मकान में दो बेडरूम सहित गैलरी, सीढ़ी होगा। बालकनी बनाने वाले इसमें थोड़ा बहुत अपने जगह के हिसाब से बनवा सकते हैं। काफी समय पहले केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दिया था लेकिन राज्य सरकार के ढीले रवैये के कारण इसमें देरी हो रही थी। लेकिन आखिरकार वह समय आ ही गया। कुछ ही दिन में इस योजना के तहत कार्य प्रारंभ हो जाएगा। बेलसंड के चेयरमैन ने पांच साल पहले इस योजना के लिए एड़ी चोटी का पसीना एक करके इस योजना को स्वीकृत कराने के लिए जोर लगाया था। उनके इस अथक प्रयास से इस योजना का टेंडर निकल गया। चेयरमैन चुनाव के समय उन्होंने लोगों से वादा किया था कि चेयरमैन बनते ही काम प्रारंभ करने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा। इस संबंध में बेलसंड ब्लॉग के संवाददाता ने जब उनसे पूछा तो वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव के समय ही बेलसंड नगर पंचायत के लोगों से वादा किया था कि चेयरमैन बनते ही बेलसंड को स्वर्ग बना दूंगा। आज वह घड़ी आ गई।
इस प्रोजेक्ट के बारे में बेलसंड ब्लॉग के संवाददाता ने जब वार्ड नं. 3 के निवासी रामबाबू प्रसाद से की तो उन्होंने कहा कि नागेंद्र बाबा से यहीं उम्मीद थी। रामबाबू प्रसाद ने कहा कि आज बेलसंड इस प्रोजेक्ट पर नजरें गड़ाए बैठा था। लोगों का सपना पूरा होने को है। बधाई हो नागेंद्र बाबा।
बेलसंड नगर पंचायत वार्ड नं. 7 के मो. सलीम का कहना है कि आपके माध्यम से हमे इसके बारे में पता चला। यह तो होना ही था। बेलसंड का चेयरमैन प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी अधिक ईमानदार है। उनमें जाति-पाती का थोड़ा भी असर नहीं है। वे विचारों से ब्राम्ö है। धन्यवाद चेयरमैन साहब।
वहीं वार्ड  नं. 9 व चेयरमैन के क्षेत्र के निवासी गोरख पासवान ने कहा कि पंडिजी को सब हल्का में ले रहलई ह। बाबा कमाल कर दिलई। जुग-जुग जीयू ये बेलसंड के बाबू।
 बेलसंड नगर पंचायत वार्ड न. 13 के लालबाबू कुशवाहा ने कहा कि बाबा में असीम ऊर्जा है। हमलोग जवान होकर भी ऐसी ऊर्जा नहंी दिखा सकते है। लेकिन नाग्रेंद्र बाबा में असीम ऊर्जा है। उन्होंने विपक्षियों को चारो खाने चित कर दिया है। अब आसमां हमारा है।
वार्ड न. 1 के निवासी महेश झा ने कहा कि यह बेलसंड का सौभाग्य है कि उन्होंने नागेंद्र झा जैसा चेयरमैन पाया। कुछ लोग कहते थे कि यह सिर्फ चुनावी शिगूफा है। लेकिन मेरा मन कहता था कि नागेंद्र झा साधारण व्यक्तित्व का मालिक नहीं है। वह जो कहते हैं उसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर कर देते हैं। वहीं ऊर्जा काम आई और आज यह प्रोजेक्ट का टेंडर निकल आया।
वार्ड नं. 2 के निवासी रमई पासवान ने कहा कि बबा ने सब कुछ पूरा देहली। अब घर बने के इंतजार हये। बबा के बच्चा सब के मन से आशिर्वाद।
चकाचौंध रोशनी की व्यवस्था
नगर के विभिन्न क्षेत्रों में लगे जर्जर विद्युत तार से जल्द ही निजात मिलेगी। इस कार्य के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बिजली के तारों की बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। बेलसंड नगर पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि शहर के ज्यादातर हिस्से में लगे तार कई साल से नहीं बदलने से बिजली फाल्ट की समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ रहा था। इसी को लेकर स्थानीय विधायक से इसके बारे में बात की गई तो उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन से बात की। जिला प्रशासन ने नगर पंचायत के तारों को बदलने के डेटा तैयार करने की बात कहीं गई। नगर पंचायत ने इसके लिए बैठक होगी। जिला प्रशासन से तार की डिलेवरी हो गई है। अब स्थानीय स्तर पर तार बदलने की तैयारी शुरू हो जाएगी। सहायक विद्युत अभियंता ने बताया कि शहर के जर्जर तार बदले जायेंगे। साथ ही शहर के अन्य भागों में भी लगे जर्जर तार को चिन्हित कर प्राक्कलन जल्द ही तैयार किया जायेगा।   गर्मी में होने वाली बिजली की संभावित किल्लत से निपटने के लिए लाइनों को अपडेट करेगा। इसके अलावा जर्जर हाल ट्रांसफार्मर को भी दुरुस्त कराया जाएगा। बिजली विभाग के एसडीओ ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्मी के दस्तक देने के साथ ही बिजली की किल्लत ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। तारों को बदलने का काम शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि गर्मी में ओवर लोडिंग की वजह से तार टूटने और ट्रांसफॉर्मर के फूंकने का खतरा न हो। इसके साथ ही बिजली की सप्लाई भी पर्याप्त मात्रा में मिलेगी। नगर क्षेत्र की अधिकांश लोग कटिया डालकर बिजली चोरी करते हैं। इससे चिंगारी निकलती है और तार गलने लगती हैं। शहर में सबसे ज्यादा बिजली के तार खराब होने की घटनाएं नगर क्षेत्र में ही होती हैं। इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि नगर में बेहतर रोशनी के लिए नगर पंचायत में कुछ चिह्ति जगहों पर वैपर लाइट लगाने का भी कार्य शुरू हो जाएगा। नगर में वैपर लाईट लगने के बाद शहर पूरी तरह रोशन हो जाएगा। कई इलाके ऐसे हैं जहां रात से रात में गुजरना लोगों के लिए मुश्किल होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार से शहर में वैपर लाईट लगाने की मांग की गई थी इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नगर पंचायत में वैपर लाइट लगाने की स्वीकृति दे दी गई है। बेलसंड को ब्लाग को उन्होंने बताया कि कुछ ही दिनों में शहर रोशन मिलेगा। व्यवसायियों को व्यवसाय करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बुर्जुगों को भी रात में चलने-फिरने में दिक्कत नहीं होगी।
कन्या विवाह योजना के तहत मिल रही राशि
आखिरकार चेयरमैन (मुख्य पार्षद) की मेहनत रंग लाई। नगर पंचायत के सभाकक्ष में समारोह आयोजित कर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 250 लाभार्थियों के बीच 12.50 लाख रुपये का चेक वितरित किए गए। विदित हो कि नगर पंचायत में वर्षो से इस योजना के लाभान्वितों की संचिका पड़ी हुई थी। डीएम के बेलसंड दौड़े के क्रम में इसकी शिकायत मुख्य पार्षद द्वारा की गई थी। डीएम के निर्देश के आलोक में लंबित योजना का निपटारा कर राशि का वितरण किया गया। ज्ञात हो कि नगर पंचायत में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले परिवार इस योजना के लाभ से वंचित थे। ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवारों की भांति शहरी क्षेत्र के लोगों ने आवेदन दिया था। जिस का निष्पादन नहीं हो सकने के बाद बेलसंड नगर पंचायत के मुख्य पार्षद नागेंद्र झा ने बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर शहरी क्षेत्र के लोगों को भी योजना के लाभ दिलाने का अनुरोध किया था। लेकिन जानकारी के अभाव में अधिकारीगण इस पर कोई ठोस कदम उठाने में कामयाब नहीं हो सकें थे। चेयरमैन के तरफ से लगातार हो रही मांगों को देखते हुए आखिरकार कार्यपालक पदाधिकारी ने जिला समाहर्ता को पत्र लिखकर मार्गदर्शन करने की मांग की थी। चेयरमैन की शिकायत रंग लाई और अधिकारियों के सहयोग से बेलसंड नगर पंचायत के लोगों को इस योजना का लाभ मिला।
सुरक्षा चाक-चौबंद
विगत एक वर्षों से बेलसंड नगर पंचातय में कोई भी घटना नहीं हुई। सुरक्षा तंत्र बेहद हाईटेक है। माओवादी इलाके के रूप में पूरे विश्व में बदनाम बेलसंड में विगत एक वर्षों में कोई भी अनहोनी नहीं हुई है,जो नगर प्रशासन के लिए बहुत बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार की नीति के तहत यहां के प्रशासन बेलसंड में शांति-व्यवस्था को बनाएं रखा हे। बेलसंड नगर पंचायत के रूप में शपथ लेने के बाद ही बेलसंड नगर पंचातय चेयरमैन ने कहा था कि बेलसंड में चहूंओर शांति का आलम होगा,जो आज कायम है। इससे लोगों में नगर प्रशासन के लिए विश्वास गहरा हुआ है। शाम होते ही नगर के चारों इलाकों पर प्रशासन का कड़ा पहरा हो जाता है। एक समय इसी बेलसंड में शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक जाते थे,आज वहां रात के  १२ बजे तक आप घूम सकते हैं।


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