Sunday 24 February 2013

कन्या विवाह का चेक वितरित

बेलसंड। आखिरकार चेयरमैन(मुख्य पार्षद)की मेहनत रंग लाई। नगर पंचायत के सभाकक्ष में समारोह आयोजित कर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 250 लाभार्थियों के बीच 12.50 लाख रुपये का चेक वितरित किए गए। मुख्य पार्षद नागेन्द्र झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्य पार्षद रंधीर कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी विवेक कुमार सिन्हा, वार्ड पार्षद शकुंतला देवी, शैल देवी व विनोद पासवान समेत अन्य पार्षद मौजूद थे। मुख्य पार्षद श्री झा ने सभी लाभार्थियों को पांच-पांच हजार रुपये के चेक प्रदान किए। विदित हो कि नगर पंचायत में वर्षो से इस योजना के लाभान्वितों की संचिका पड़ी हुई थी। डीएम के बेलसंड दौड़े के क्रम में इसकी शिकायत मुख्य पार्षद द्वारा की गई थी। डीएम के निर्देश के आलोक में लंबित योजना का निपटारा कर राशि का वितरण किया गया। ज्ञात हो कि नगर पंचायत में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले परिवार इस योजना के लाभ से वंचित थे। ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवारों की भांति शहरी क्षेत्र के लोगों ने आवेदन दिया था। जिस का निष्पादन नहीं हो सकने के बाद बेलसंड नगर पंचायत के मुख्य पार्षद नागेंद्र झा ने बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर शहरी क्षेत्र के लोगों को भी योजना के लाभ दिलाने का अनुरोध किया था। लेकिन जानकारी के अभाव में अधिकारीगण इस पर कोई ठोस कदम उठाने में कामयाब नहीं हो सकें थे। चेयरमैन के तरफ से लगातार हो रही मांगों को देखते हुए आखिरकार कार्यपालक पदाधिकारी ने जिला समाहर्ता को पत्र लिखकर मार्गदर्शन करने की मांग की थी। चेयरमैन की शिकायत रंग लाई और अधिकारियों के सहयोग से बेलसंड नगर पंचायत के लोगों को इस योजना का लाभ मिला। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना रू. इस महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत बी0पी0एल0 परिवार को ऐसे बालिकाओं के जिनका जन्म नवम्बर 2007 के पश्चात हुआ है आर्थिक लाभ पहुचाने के उदेश्य से यु0टी0आई0 के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है, जिसके अनुसार 18 वर्ष की आयु पूरा होने के पश्चात एक मुस्त राशि सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इन बालिकाओं के आवेदन पत्र उसके पोषक क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से यु0टी0आई0 को भेजा जाता है। जहा से उन्हे बॉण्ड निर्गत होने के पश्चात पुन: ऑगनबाडी के द्वारा अंश दान के रूप में सरकार के द्वारा कुछ नहीं देना होता है, बल्कि इस राशि को सरकार एवं यु0टी0आई0 के द्वारा अंश दान के रूप में भुगतान किया जाता है।

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