Tuesday 12 March 2013

त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम...

महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब 

बेलसंड। महाशिवरात्रि के अवसर मंदिरों में मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस अवसर पर श्रद्धा और उल्लास के साथ श्रद्धालुओं ने उपवास रखा और भगवान शिव का जलाभिषेक किया। महाशिवरात्रि के दिन दमामी मठ,थाना परिसर में स्थित शिव मंदिर एवं आसपास के शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेशंकर का जलाभिषेक किया।
अनुमंडल मुख्यालय से लगभग पांच किमी की दूरी पर लोहासी पंचायत में अवस्थित दमामी मठ स्थित बाबा ईशाननाथ पर जलाभिषेक के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान शिव के इस सिद्ध पीठ पर जलाभिषेक के लिए सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालुओं का जमघट लग गया। मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने में दिन भर व्यस्त रहे। मंदिर के पास स्थित सरोवर में लोगों ने स्नान कर ईशाननाथ का जलाभिषेक कर मनोवांछित वर पाने के लिए प्रार्थना की। कई एकड़ में  फैले मंदिर परिसर में इस अवसर पर हर बार की तरह मेला लगा हुआ है।
 थाना परिसर में स्थित शिव मंदिर में प्रत्येक वर्ष के भांति इस बार भी हजारों शिवभक्तों ने मंदिर में पूजा अर्जना की। इस अवसर पर मेले का आयोजन किया गया।
महाशिवरात्रि : ...और दूल्हा बन कर आए भोले दानी
निकली शिव जी की बरात, देवी-देवता, राक्षस, भूत-प्रेत व बेताल बने बराती, फूलों की वर्षा कर लोगों ने किया स्वागत, विवाह गीत से गूंज उठा थाना परिसर में स्थित शिव मंदिर रविवार को भगवान शंकर व मां गौरी की विवाहोत्सव के रंग में रंग गयी। इस अवसर पर बैंड बाजा के साथ शिवजी की बारात निकली। भक्ति गीतों के साथ निकली शिवजी की बारात के मनोहारी छटा से इलाका भक्तिमय बना रहा। बाबा मनोकामना नाथ मंदिर से निकली यह बारात रजिस्ट्री चौक, कोठी चौक, महावीर स्थान, कदम चौक होते हुए शिव मंदिर लौट गई। जहां परंपरागत ढ़ंग से विधि विधान के साथ भगवान शिव व मां गौरी की शादी की रस्म शुरू हुई। इस दौरान मंदिर में मंगलाचरण व सोहर की गूंज रही। महाशिवरात्रि के अवसर पर बेलसंड शहर में आस्था व भक्ति का अलौकिक दृश्य दिखा। अहले सुबह से ही थाना परिसर में स्थित शिव मंदिर से परंपरा का निर्वहन करते इस साल भी शिव जी की बारात निकली और विवाह देखने को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। दोपहर बाद भूत-बेताल व देवताओं के साथ शोभा यात्रा निकाली गयी। बाबा भोले शंकर की बारात की विशाल झांकी के स्वागत में शहर के लोग आस्था के साथ भक्ति के रंग में रंगे दिखे। बारात में सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रम्हा, सृष्टि पालक भगवान विष्णु, एरावत पर सवार देवराज इन्द्र, धर्मराज के साथ सबके कर्मो का हिसाब-किताब देखते भगवान चित्रगुप्त, वीणा बजाते महर्षि नारद, भूत-प्रेत के साथ भैंस पर सवार यमराज तथा नंदी पर सवार सृष्टि के संहारक महादेव के स्वरूपों से अभिभूत भक्तों ने हर-हर महादेव के जयघोष से अपनी आस्था प्रकट की। बारात जिस इलाके से गुजरी, थोड़ी देर के लिए लोगों को प्रभु के साक्षात दर्शन होने का अहसास करा गयी। ढोल बाजों व हर हर महादेव के जयघोष के साथ शहर भ्रमण को निकले बारात पर शहरवासियों ने पुष्प वर्षा कर भक्ति का मंजर दिखाया। अपने छत से श्रद्धालु शिव के बारात पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध लोगों ने बारात का स्वागत व देवताओं की पूजा अर्चना की। देवी-देवताओं के रूप में सजी झांकी आकर्षण का केंद्र बना रहा। देर रात मंदिर में बाबा भोले शंकर व माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। शिव विवाह देखने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से आये श्रद्धालुओं की भीड़ से थाना परिसर छोटा पड़ गया है। शोभा यात्रा निकलने से पूर्व सभी बरातियों को खाना खिलाया गया।
प्रशासन पूरी तरह रहीं चौकस
माओवादियों का इलाका होने के कारण जगह-जगह पुलिस की चौकस व्यवस्था थी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था से आगे से कर रखीं थी। शिव शंकर के बारात के साथ काफी संख्या में पुलिसकर्मी  एवं शहर के गणमान्य लोग चल रहे थे।
सभी संप्रदायों का भरपूर सहयोग
महाशिवरात्रि के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग भी शिव शंकर के बाराती में दिखे।

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