Thursday 7 March 2013
गरिमा को समझाना मानवाधिकार
बेलसंड/रीगा। अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मानवीय गुणों को एक दूसरे के प्रति सोच रखना तथा संविधान व समाजिक गुणों का पालन ही मानावाधिकार है। सबसे ज्यादा मानवाधिकार का हनन पुलिस द्वारा ही होता है। पुलिस को संवेदनशील होना होगा। स्थानीय मिल क्लब में नागरिक मंच व गांव विकास मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि मानव के सम्मान व गरिमा को समझाना मानवाधिकार है। उन्होंने आजादी के पूर्व पुलिस को राजा का पुलिस तथा आजादी के बाद जनता की पुलिस की तरह नहीं रहने पर दुख प्रकट करते हुए इसे आजादी के 70 साल बाद भी पुलिसिया चरित्र को बदलने की जरूरत बतायी। अपर पुलिस महानिदेशक श्री पांडेय ने यूरोप के देशों में पुलिस व्यवस्था की तारीफ करते हुए भारत में अभी तक पुलिसिया संस्कृत नहीं बदलने में हो रही दिक्कतों को भी बारीकी से बताया। उन्होंने समाज में 90 प्रतिशत लोगों को इमनदार बताया। संगोष्ठी में मानवाधिकार व पुलिस विषय पर चर्चा की गई। बताया कि दुनिया की तरह अपने देश एवं प्रदेश में मानवाधिकार का कानून बना है। और इसके लिए आयोग है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नागेन्द्र प्रसाद सिंह करते मानवाधिकार व पुलिस विषय पर विस्तार से चर्चा की।
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