Sunday 24 June 2012

माओवाद पर संतोष भारी!


 बेलसंड ।  पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए। कुख्यात संतोष झा का गिरोह। यह गिरोह अब नक्सलियों पर भारी पड़ने लगा है। इस गिरोह ने अब तक जितने भी बड़े वारदातों को अंजाम दिया है, वह नक्सलियों के मांद माने जाने वाले इलाके रहे है। चाहे रुन्नीसैदपुर का कोरलहिया, रुन्नी व गाढ़ा हो या फिर बेलसंड का चंदौली व मारड़। रुन्नीसैदपुर व बेलसंड जिले में नक्सलियों का मांद रहा है। नक्सलियों ने इन इलाकों में एक से बढ़ कर एक वारदातों को अंजाम दिया है। इन इलाकों में कोई भी अपराधी गिरोह नक्सलियों के डर से इंट्री नहीं लेता था, लेकिन फरवरी के बाद से नक्सलियों के इलाके में पीएलए की मजबूत दस्तक पड़ी। पीएलए इलाके में लगातार वारदात को अंजाम देने लगा, यहां तक कि बेलसंड व रुन्नीसैदपुर के इलाकों से पीएलए मोटी रकम बतौर रंगदारी भी वसूलने में कामयाब रहे। संतोष झा का पीएलए नक्सलियों पर भारी परने लगा। पीएलए के लगातार बढ़ते प्रभाव का असर होने के पीछे भी नक्सली ही है। पीएलए में ज्यादातर वैसे लोग है, जो परोक्ष रुप से नक्सलियों से जूड़े है, या फिर नक्सलियों ने उन्हें संगठन से हटा दिया है। पीएलए में वैसे लोग भी है जो संतोष का साथ देने के लिए नक्सलवाद से नाता तोड़ डाले है। लिहाजा इस गैंग को नक्सलियों की शक्ति, नक्सलियों के वारदात को अंजाम देने की रणनीति, नक्सलियों के एक्शन का रंग व नक्सलियों के हर एक गतिविधि की जानकारी है। हाल के दिनों में इलाके में नक्सली कमजोर पड़ते गए है, जबकि संतोष झा एंड कंपनी ने नक्सलियों में फूट डाल कर मौके का उठाना शुरू कर दिया है। संतोष झा का संगठन पीएलए पिछले चार महीने में इलाके में एक दर्जन से अधिक वारदात को अंजाम देने में सफलता पाई है। इनमें बेलसंड में दो व गाढ़ा में एक की हत्या शामिल है। सूत्र बताते है कि इस गैंग ने पिछले चार माह में बतौर लेवी सीतामढ़ी से 50 लाख रुपये वसूले है। इस गैंग के पास अत्याधुनिक एके - 47 व कार्बाइन जैसे आटोमेटिक हथियार है। जिसके बदौलत वारदात को अंजाम देते रहे है। बारूदी सुरंग बिछाने व बम के मामले में इस गिरोह पर नक्सली जरूर भारी है। सड़क निर्माता एजेंसियों से रंगदारी वसूलने व रंगदारी नहीं देने पर हत्या करने के मामले में सुर्खियों में आए पीएलए ने पुलिस प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती दे डाली है।


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