Wednesday 27 June 2012

डायवर्सन बहा, रेल पुल बना सहारा


 


सीतामढ़ी।  सीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण जिले को जोड़ने वाली बैरगनिया सह सटे लाल बकेया नदी के फुलवरिया घाट पर मनरेगा योजना मद से निर्मित डायवर्सन रविवार की शाम बाढ़ के पानी के तेज दबाव में बह गया। इससे आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यात्री पुराने रेल पुल व नव निर्मित रेल पुल पर चढ़कर अपनी जान जोखिम में डालकर सरेआम नदी पार करने को विवश है। प्रशासन द्वारा नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा रेल पुल से पार कराने के एवज में एक साइकिल सवार से दस रुपये व बाइक सवार से 25 रुपये अवैध वसूली की जा रही है। स्थानीय प्रशासन का लोगों को इस समस्या से कोई मतलब नहीं है। ज्ञात हो कि वर्ष 2010 में इसी तरह नदी में अचानक अधिक पानी आ जाने से लोगों से खचाखच भरी एक नाव पलट गई थी, जिसमें बच्चे, महिला समेत 40 लोगों की मौत हो चुकी थी।
आजादी के बाद से जान पर खेल कर आने जाने को विवश यहां के लोगों की समस्या देख चुके भकुरहर गांव निवासी प्रखर स्वतंत्रता सेनानी वंशी चाचा ने 20 नवम्बर 1997 को बागमती व लाल बकेया नदी पर सड़क पुल निर्माण की मांग को लेकर बैरगनिया के पटेल चौक पर सरेआम हजारों की भीड़ व दर्जनों प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आत्मदाह कर ली थी। उनके आत्म दाह के वषरे बाद बागमती नदी पर स्थायी पुल का निर्माण तो हुआ, लेकिन लाल बकेया नदी पर आज तक स्थायी सड़क पुल निर्माण नहीं किया गया।

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