Friday 22 June 2012

हथियार दे घर जाएंगे सैप जवान!


बेलसंड । अपने उत्कृष्ट कायरे व व्यवहार कुशलता से आमजन के बीच नायक बने सैप के जवान सरकार एवं पुलिस विभाग की उपेक्षा से आहत है। विपरीत परिस्थिति में रहने, खाने पीने एवं नित्य कार्यो की सुविधा का अभाव ङोलने के बावजूद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे मुस्तैद रहकर माड़र घाट, डुब्बा घाट समेत कई महत्वपूर्ण पुलों के निर्माण कार्य की बाधा दूर की एवं अपराधियों के अंदर खौफ पैदा कर आम जन को राहत पहुंचाया। इसके बावजूद सरकार की उपेक्षा से आहत इन जवानों ने गृह मंत्री भारत सरकार, महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग बिहार, गृह सचिव, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, पुलिस महानिदेशक को स्मार पत्र देकर समस्याओं के निदान का आग्रह किया है। साथ ही 12 जुलाई तक मांगों पर विचार न करने की स्थिति में वे 13 जुलाई को संबंधित जिला में अपना हथियार जमाकर घर जाने का निर्णय लिया है। स्मार पत्र में वर्णित मांगों में 24 घंटे की ड्यूटी के अनुरूप मानदेय बढ़ाने, कार्य के दौरान दुर्घटना होने या मौत होने की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने, वार्षिक छुट्टी को 20 दिन से बढ़ाकर बीएमपी के बराबर करने, पूर्व निर्धारित ड्यूटी के अलावा अन्य कार्यो में न लगाने, वर्दी भत्ता में नियमानुसार बढ़ोतरी करने, टीए भत्ता देने एवं उसे मानदेय में समायोजित करने, ट्रांसफर एलाउंस देने, सैप बलों को पुलिस विभाग से

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