Saturday 23 June 2012

गोपालगंज की वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन थी अगला निशाना



बेलसंड में सड़क निर्माता एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर गया बक्स सिंह व अभियंता विकास मिश्र की गोली मार कर हत्या की थी
बेलसंड। सीतामढ़ी पुलिस ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर से बतौर रंगदारी वसूली गई 21.90 लाख रुपये के साथ आधा दर्जन कुख्यात अपराधियों को दबोच कर एक बड़ी सफलता पायी। अगर पुलिस अपराधियों को नहीं गिरफ्तार कर पाती तो अगले दिन निश्चित रूप से गोपालगंज-बेतिया के बीच गंडक पर पुल बना रहीं वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन से अपराधी या तो एक करोड़ रुपये बतौर रंगदारी वसूल लेते या फिर यहां 7 जून की तरह फिर कई लाशें गिरती। इसका खुलासा खुद गिरफ्तार अपराधियों ने ही पुलिस के समक्ष किया है। सूत्रों की माने तो 7 जून को इसी गिरोह ने मंगलपुर-गोपालगंज के बीच गंडक नदी पर पुल बना रहे वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन के सुपरवाइजर सुमित चौबे व मजदूर दिनेश यादव की गोली मार हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने में अपराधियों ने एके 47 व कार्बाइन का इस्तेमाल किया था। वारदात की वजह लेवी नहीं दिया जाना था। सूत्र बताते है कि दो लोगों की हत्या के बाद जहां निर्माण कंपनी के अधिकारियों व कर्मियों में दहशत थी, वहीं अपराधियों के हौसले मजबूत थे।
साथ ही अपराधी यहां से रंगदारी मिलने के प्रति आश्वस्त थे। वारदात को अंजाम देने के बाद से ही यह गिरोह वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी पर रंगदारी के लिए दबाव डाल रहे थे। कोरलहिया से रंगदारी की 22ण्90 लाख रुपये वसूल मुजफ्फरपुर पहुंचे अपराधियों का अगला निशाना वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन ही थी। लेकिन ऐन वक्त पर सीतामढ़ी पुलिस के बिछाए जाल में अपराधी फंस गए। हालांकि सीतामढ़ी पुलिस व एसपी विवेक कुमार मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है, एसपी ने कहा है कि मामले का अनुसंधान किया जा रहा है और अपराधियों की क्राइम हिस्ट्री खंगाली जा रहीं हैए साथ ही अपराधियों से प्राप्त मोबाइल के काल का अध्ययन किया जा रहा है। इधर, सूत्रों की माने तो सीतामढ़ीए शिवहर मोतिहारी, बेतिया, गोपालगंज, दरभंगा व समस्तीपुर में जितने भी रंगदारी के मामले सामने आए है, सब में संतोष झा गिरोह की संलिप्तता रहीं है। रांची में गिरफ्तारी के पूर्व संतोष झारखंड के इलाकों में अपराध की फसल काट रहा था। वह रांची में मोतिहारी के कुख्यात मुकेश ठाकुर के साथ नाम बदल कर काम कर रहा था। लेकिन गिरफ्तारी के बाद मोतिहारी जेल में चंद दिन काटने के बाद जब वह रिहा हुआ तो उसने अपना संगठन मजबूत कर इलाके में अपनी सेना का विस्तार किया। जिसमें कम उम्र के युवकों को शामिल किया। संतोष मोतिहारी जेल के भीतर से ही सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेतिया व सीतामढ़ी जेल में बंद कम उम्र के अति महत्वाकांक्षी युवकों से बात कर उन्हें अपने संगठन में शामिल कर लिया। 16 जनवरी को रांची से गिरफ्तार संतोष झा 17 फरवरी को मोतिहारी जेल से रिहा होने के बाद युवा लड़कों के साथ इलाके में रंगदारी का कारोबार शुरू कर दिया। इस गिरोह में मुख्य शूटर लंकेश झा है, ऋषि झा लंकेश झा का अपना सहोदर भाई है, जिसे रंगदारी वसूलने में महारत हासिल है। इसके अलावा गिरोह में चंद्रमोहन झा, विनय बिहारी, वंदन चौबे, राम बाबू, दीपक कुमार, विकास झा, मो शमीम, गुडडू झा व चिरंजीवी सागर जैसे पचास लड़के है, जो अत्याधुनिक शस्त्रों का प्रयोग करना जानते है।
इतना ही नहीं सभी सदस्य शातिर दिमाग के है। रंगदारी वसूलने से लेकर पुलिस से मोर्चा लेने व वारदात को अंजाम दे फरार होने में सभी को महारत हासिल है। इस गिरोह ने फरवरी से अब तक इलाके में आधा दर्जन वारदात को अंजाम दिया है। इनमें 2 मार्च 2012 को बेलसंड में सड़क निर्माता एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर गया बक्स सिंह व अभियंता विकास मिश्र की गोली मार कर हत्या की थी।

 

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