Friday 29 June 2012

मानसून की बेरूखी से किसान चिंतित

बेलसंड।  मानसून की बेरूखी से किसान काफी चिंतित है। किसानों के लिए महत्वपूर्ण आद्रा नक्षत्र में खेतों में उड़ रही धूल से खरीफ फसल की उम्मीदें समाप्त होती जा रही है। किसान हिम्मत जुटा कर बिचड़ा गिराया है, लेकिन पानी की कमी से खेत में दरार पड़ गया है। कुछ किसान पटवन करा कर धान के बिचड़े लगभग तैयार कर चुके है। लेकिन मौसम की बेरूखी के कारण रोपनी करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है। मानसून में बिलंब को देखकर सरकार द्वारा डीजल अनुदान देने की घोषणा के प्रति भी किसान गंभीर नहीं है। इस बाबत पूछे जाने पर किसान विकल कुमार चौधरी ने बताया कि कृषि की बदहाली के लिए प्रकृति से ज्यादा अधिकारी तंत्र जिम्मेवार है। सरकार की घोषणा के बावजूद समय पर आज तक कृषकों को अनुदान का लाभ नहीं मिल पाया है। बेलसंड के कृषकों को मक्का अनुदान, आलू-प्याज अनुदान की राशि स्वीकृत होने के बावजूद नहीं मिली। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने अनुदान की राशि वापस लौटा दी। डीजल अनुदान भी अधिकारियों की मनमानी का शिकार रहा है। इस संबंध में कृषकों द्वारा वरीय अधिकारियों का बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद अनुदान की राशि कृषकों को नहीं मिल सकी। कौशल किशोर सिंह भी कृषि विभाग के अधिकारियों के रवैये से काफी खिन्न है। उन्होंने बताया कि यहां के अधिकारी वास्तव में खेती करने वालों को बीज भी नहीं दे पाते, अक्सर बीजों की बंदरबाट होती रहती है।          

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