Saturday, 19 January 2013

सड़कें सुनसान रहीं, दुकान रहे बंद

बेलसंड/सीतामढ़ी। एरिया कमांडर नेक मुहम्मद व सुनील गुप्ता की निर्मम हत्या के विरोध में भाकपा माओवादी तिरहूत सब जोनल कमेटी के आह्वान पर घोषित बंद का जिले में व्यापक असर दिखा। नक्सल प्रभावित बेलसंड व रुन्नीसैदपुर के इलाकों में बंद से क‌र्फ्यू जैसा मंजर रहा। वहीं रीगा व परसौनी में बंद का आंशिक असर दिखा। हालांकि रुन्नीसैदपुर बाजार में बंद बेअसर रहा, वहीं दिन भर एनएच 77 पर आम दिनों की तरह वाहन चले। शाम ढ़लने के बाद एनएच पर वाहनों का परिचालन कम गया। इधर, बंद को लेकर रुन्नीसैदपुर व बेलसंड के इलाके में लोग डरे, सहमे व घरों में दुबके रहे। दुकान, बाजार, शैक्षणिक संस्थान व प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़क पर वाहनों का परिचालन बंद रहा। एसपी पंकज सिन्हा के नेतृत्व में सशस्त्र बल इलाके में फ्लैग मार्च करते रहे। वहीं आजाद हिंद फौज नामक संगठन की धमका चौकड़ी भी रही। देर शाम तक बंद के दौरान किसी वारदात की सूचना नहीं है। बंद के दौरान सीतामढ़ी - शिवहर, रुन्नीसैदपुर - बेलसंड व बेलसंड - परसौनी पथ में वाहन नहीं चले। सड़के वीरान रही। माओवादियों के बंद का शहर में भले ही प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन गिद्धा, सिरखिरिया, बलुआ व महिंदवारा पंचायत के करीब सौ गांवों में बंद का व्यापक असर दिखा। सड़कें सुनसान रहीं, दुकान बंद रहे, लोग अपने घरों में दुबके - सहमे रहे। स्कूलों में ताले लटके रहे। एनएच 77 के कोआही व खनुआ घाट से नक्सली इलाकों में जाने वाली सड़क सुनसान रही। बेलसंड पथ में परिचालन पूर्णत: बाधित रहा। समय समय पर पुलिस वाहनों के काफिले के साथ पहुंच कर अपनी मौजूदगी का अहसास कराती रही। लेकिन पुलिस की मौजूदगी भी आम अवाम में सुरक्षा का अहसास कराने में नाकाम रही। बलुआ बाजार पर नक्सली नेता की हत्या के बाद लोगों की धड़कने बढ़ी हुई है। आजाद हिंद फौज की बाइक की आवाजाही भी परेशानी की वजह बनी है। नक्सली संगठन के लोगों की माने तो आजाद हिंद फौज उचक्कों का गिरोह है। इसका पुलिस से गठजोड़ है। इलाके में इनके पहुंचते ही पुलिस भी आ जाती है। बताते है कि पुलिसिया कवच से अलग अगर मिले तो काट कर रख दूंगा। मध्य विद्यालय बलुआ परिसर में नक्सली क‌र्फ्यू का जबरदस्त असर है। स्कूल में ताले लटके है। शिक्षक तबादला चाह रहे है। वजह नक्सली स्कूल बंद रखने की बात कह रहे है तो आजाद हिंद फौज के लोग स्कूल खोलने का दबाव डाल रहे है। दोनों के दबाव से शिक्षक परेशान है। इलाके में भाकपा माओवादी सब जोनल कमेटी की ओर से जगह जगह पर्चे चिपकाए गए है। उसमें बंद को सफल बनाने के अलावा नेक मुहम्मद व सुनील गुप्ता के हत्यारे को जन अदालत लगाकर फांसी देने की बात कही गई है। घटना के विरोध में किसान, छात्र व नवजवानों से एकजुट हो कर संघर्ष करने की अपील की गई है। बेलसंड में भाकपा माओवादी द्वारा आहूत बंदी का अनुमंडल क्षेत्र में व्यापक असर रहा। शहर से लेकर गांव तक बाजारों में वीरानगी छायी रहीं। दुकानें बंद रहीं। व्यवसाय चौपट रहा। बंद के चलते पूरे दिन लोगों को चाय पान के लिए भी परेशान होना पड़ा। इलाके में वाहनों का परिचालन पूरी तरह बाधित रहा। हालांकि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकस रही। जगह-जगह सशस्त्र बल तैनात रहे। साथ ही फ्लैग मार्च जारी रहा। उधर, शिवहर जिले के पुरनहिया से सटे रीगा के सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी बंद का असर दिखा।

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