Thursday 10 January 2013

सिंचाई के अभाव में फसल प्रभावित

बेलसंड। राजकीय नलकूप के ठप रहने से किसान फसल के पटवन के लिए पंप सेट पर निर्भर होने को बाध्य है। डीजल के मूल्यों में हमेशा हो रही बढ़ोतरी के कारण पटवन का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। वैसे भी डीजल चालित पंप सेट से सिंचाई लागत अन्य स्त्रोतों से काफी महंगा है। क्षेत्र के परतापुर, मखनाहा, भोरहा, पचनौर गांव में लगे नलकूप के अलावा क्षेत्र के सभी नलकूप ठप है। नलकूप के पास लगे ट्रांसफार्मर के जल जाने एवं सिंचाई के नालों के ध्वस्त हो जाने तथा नलकूप आपरेटरों के पद रिक्त रहने एवं पदस्थापित आपरेटरों के ड्यूटी से गायब रहने के कारण सभी नलकूप ठप है। भोरहा के निकट मनुषमारा नदी में लगाए गए सिंचाई योजना की यूनिट बगैर चालू हुए ही नष्ट हो गई। बिहार विभाजन के बाद सरकार द्वारा कृषि की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों को इससे काफी क्षति पहुंच रही है। इसके बावजूद लघु जल सिंचाई योजना के अन्तर्गत संचालित इन नलकूपों के जीर्णोद्धार व उसे चालू करने के प्रति आज भी उदासीनता बरती जा रही है। जिससे किसानों की खेती काफी प्रभावित होती है। कृषि को बेहतरी के लिए क्षेत्र के सभी नलकूपों को चालू करने की मांग पर अब तक संबंधित विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया है।

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